Juthan Question Answer | Bseb Class 12 Hindi जूठन Subjective

juthan kahani ka saransh, जूठन कहानी pdf, जूठन question answer, joothan summary in hindi, Joothan class 12 hindi, Bihar Board Class 12 Chapter 10 जूठन Question Answer, जूठन आत्मकथा का सारांश, bseb class 12th hindi gadh chapter 10 juthan question answer in hindi, juthan class 12th hindi chapter 10 bihar board, class 12th hindi notes juthan mcq

Bihar Board Class 12th Hindi Chapter 10 Juthan – जूठन Subjective

पाठ – 10 joothan notes in hindi class 12th
शीर्षक : जूठन
लेखक : ओमप्रकाश बाल्मीकि
जन्म :
30 जून 1950मुत्यु : 17 नवम्बर 2013जन्म स्थान : मुजफ्फरनगर उत्तरप्रदेश
माता – पिता : मकुन्दी देवी, छोटनलाल

1. जूठन कथा का सरांश अपने शब्दों में लिखे ?

उत्तर – ओमप्रकाश बाल्मीकि जब बालक थे ! उनके स्कुल में हेडमास्टर कलीराम उनसे पढने के बदले झाड़ू लगवाते थे ! उनका नाम इस तरह से हेडमास्टर पूछते थे ! जैसे की कोई बाधा गरज रहा हो सारा दिन उनसे झाड़ू लगवाते थे ! दो दिन तक झाड़ू लगवाने  के बाद तीसरा दिन उसके पिता झाड़ू लगाते देख लेते है ! लड़का फफक फफक कर रो उठता है ! और पिता से सारी बात बताता है ! पिताजी मास्टर साहब पर गुस्साते है ! ओमप्रकाश बताते है ! की उनकी माँ मेहनत मजदूरी के साथ आठ दस लोगो के घर में साफ़ सफाई करती थी ! और माँ के इस काम में बड़ी बहन भाई तथा जसवीर और जनेसर दोनों भाई माँ का हाथ बटाते थे ! बड़ा भाई सुखवीर लोगो के यहाँ वार्षिक नौकरी की तरह काम करता था |

joothan notes in hindi question answer

इन सब के बदले मिलता था ! दो जानवर पीछे फसले पांच सेर आनाज और दोपहर के समय एक रोटी जो रोटी तौर पर चुह्ड़ो को देने के लिए आटे भूसी मिलाकर बनाई जाती थी ! कभी कभी जूठन भी मंगन की टोकरी में डाल दी जाती थी ! दिन रात मरने के बाद भी हमारी पसीने की कीमत मात्र जूठन होती थी ! फिर भी किसी को कोई शिकायत नहीं या कोई पछतावा नहीं यह कैसा कुरूप समय था ! जिसमे श्रम का मोल नहीं बल्कि निर्धनता को बरकरार रखने के लिए एक षडेयंत्र था ! ओमप्रकाश की घर की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर थी ! की एक पैसा के लिए प्रत्येक परिवार को दुसरे के यहाँ काम करना पड़ता था ! तथा स्वयं लेखक को ही पशुओ का खाल उतारना पड़ता था |

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Facebook Group Join Now

यह समाज की पूर्ण व्यवस्था एवं मनुष्य के द्वारा मनुष्य का किया गया शोषण का ही परिणाम है ! की एक ओर कुछ व्यक्ति के पास घन का कोई कमी नहीं है ! तो दूसरी ओर हजारो हजार को दो जून की रोटी के लिए कार्य करने पड़ते है ! भोजन की कमी और मन की लालसा को पूरी करने के लिए जूठन भी चाटनी पडती है ! लेखक को एक बात का बहुत गहरा असर होता है ! की उसकी भाभी द्वारा कहा गया कथन है ! की इनसे ये काम न कराओ भूखे रह लेंगे ! लेकिन इन्हें इस गंदगी में न घसीटो यह सब लेखक को उस गंदगी से बाहर निकल लाते है |

2. विधालय में लेखक के साथ कैसी घटनाए घटती है ?

उत्तर – विधालय में लेखक के साथ बड़ी ही दुखद घटना घटती है ! बाल सुलभ मन पर बिताने वाली दृश्य को हिलाने वाली घटनाए लेखक के मन पटल पर आज भी अंकित है ! विधालय में प्रवेश के प्रथम ही दिन हेड मास्टर बड़े ही बेढब आवाज में लेखक से उनका नाम पूछता है ! फिर उसकी जाति का नाम लेकर तिरस्कृत करता है ! हेड मास्टर लेखक को एक बालक नहीं समझकर उसे नीची जाति का नौकर समझता है ! और उससे शीशम के पेड़ की टहनियों का झाड़ू बनाकर पुरे विधालय को साफ़ करवाता है !

बालक की छोटी उम्र के बावजूद उससे बड़ा मैदान भी साफ़ करवाता है ! जो काम लेखक चूहड़े जाति का होकर भी अभी तक उसने नहीं किया था ! दुसरे दिन हेड मास्टर उससे वहाँ काम करवाता था ! तीसरे दिन जब लेखक कक्षा के कोने में जब बैठा होता है ! तब हेड मास्टर उस बालक अर्थात लेखक की गर्दन दबोच लेता है ! तथा कक्षा से बाहर लाकर बरान्दे में पटक देता है ! उससे पुराने काम को करने के लिए कहा जाता है ! लेखक के पिताजी आचानक देख लेते है ! उन्हें यह सब काम देखकर लेखक के पिताजी को काफी क्रोध आती है ! और वे हेड मास्टर से बक झक कर लेते है |

12th class hindi chapter 10 juthan subjective notes

3. पिताजी ने स्कुल में क्या देखा उन्होंने आगे क्या किया पूरा विवरण अपने शब्दों में लिखे ?

उत्तर – लेखक को तीसरे दिन भी यातना दी जाती है ! और वह रो रो कर झाड़ू लगा रहा होता है ! तब आचानक उसके पिताजी वह सब करते देख लेते है ! वे बाल लेखक को बड़े प्यार से मुंशी जी कहा करते थे ! उन्होंने लेखक से पूछा मुंशी जी यह क्या कर रहा है ! उनकी प्यार भरी आवाज सुनकर लेखक फफक पड़ता है ! वे पुनः लेखक से प्रश्न करते है ! मुंशी जी क्यों रो रहे हो ठीक से बोलो क्या हुआ लेखक के हाथ से झाड़ू छिनकर दूर फेक देते है ! अपने लाडले के स्थिति देखकर वे आगा बबूला हो जाते है ! वे तीखी आवाज में चीखने लगते है ! की कौन सा मास्टर है ! जो मेरे लड़के से झाड़ू लगवाता है !

उनकी चीख सुनकर हेड मास्टर सहित सारे मास्टर बाहर आ जाते है ! हेड मास्टर लेखक के पिताजी को गाली देकर धमकाता है ! लेकिन उसकी धमकी का उन पर कोई असर नहीं होता है ! आखिर पुत्र तो राजा का हो या रैंक का पिता के लिए तो एक समान जिगड का टुकड़ा ही होता है ! उसकी बेइज्जती कैसे शाहा जा सकती है ! यही बात लेखक के गरीब पिता पर भी लागू होती है ! उन्होंने भी अपने पुत्र की दुर्दशा पर साहस और हौसले के साथ हेड मास्टर का सामना किया |

4. दिन रात भर खटकर भी हमारी पसीने की कीमत मात्र जूठन फिर भी किसी को कोई शिकायत नहीं कोई शर्मिंदगी नहीं कोई पश्चताप नहीं सोचिए और उत्तर दीजिए ?

उत्तर – जब समाज की चेतना मर जाती है ! अमीरी और गरीबी का अंतर इतना बढ़ जाता है ! की गरीब को जूठन भी नसीब नहीं होता मनुष्य मात्र का कोई महत्व नहीं रह जाता ! सृष्टि की सबसे उत्तम कृति माने जाने वाले मनुष्य में मनुष्यता का लोप हो जाता है ! कृतियों के कारण अमीरों ने वैसा समाज बना दिया ! की गरीब की गरीबि कभी न जाय और अमीर की अमीरी बना रहे ! इस प्रकार समाज में काम के बदले जूठन तो नसीब हो जाती परन्तु श्रम का मोल नहीं दिया जाता है ! जिसके चलते समाज में निर्धनता बढती जा रही है ! इसलिए उसे कोई शिकायत नहीं कोई पश्चताप नहीं बल्कि संघर्ष करके आगे बढना है |

Class 12th Hindi 100 Marks Subjective Notes गद्य खण्ड
पाठ – 1बातचीत 
पाठ – 2उसने कहाँ था 
पाठ – 3सम्पूर्ण क्रांति 
पाठ – 4अर्धनारीश्वर 
पाठ – 5रोज 
पाठ – 6एक लेख और एक पत्र 
पाठ – 7ओ सदानीरा 
पाठ – 8सिपाही की माँ 
पाठ – 9प्रगीत और समाज 
  पाठ – 10जूठन 
  पाठ – 11हँसते हुए मेरा अकेलापन 
  पाठ – 12तिरिछ 
  पाठ – 13शिक्षा
Class 12th Hindi Subjective Notes पद्य खण्ड
पाठ – 1कड़बक 
पाठ – 2सूरदास के पद 
पाठ – 3तुलसीदास के पद 
पाठ – 4छप्पय

Leave a Comment