O sadanira Question Answer | Bseb Class 12th Hindi ओ सदानीरा

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Bihar Board Class 12 Hindi Chapter 7 O sadanira – ओ सदानीरा Subjective

पाठ – 7 : O sadanira notes in hindiशीर्षक : ओ सदानीरा
लेखक : जगदीसचन्द्र माथुर
जन्म : 16 जुलाई 1917मुत्यु : 14 मई 1978निवास स्थान : शाहजाहाँ उत्तर प्रदेश

1. पुंडलिक जी कौन थे ?

उत्तर – पुंडलिक जी भीतहरवा आश्रम विद्यालय के एक शिक्षक थे ! पुंडलिक जी ने गांधी जी से निर्भीकता भी सीखी थी उन्होंने गांव वालों को उसी निर्भीकता का पाठ पढ़ाए थे ! और पुंडलिक जी एक निर्भीक व्यक्ति एक आदर्श शिक्षक और एक समाज सुधारक व्यक्ति थे |

2. गंगा पर पुल बनाने में अंग्रेजों ने क्यों दिलचस्पी नहीं ली ?

उत्तर – दक्षिण बिहार के बागी विचारों का असर चंपारण में देर से पहुंचे इसलिए गंगा पर पुल बनाने में अंग्रेजों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई थी |

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3. धागड़ शब्द का क्या आशय है ?

उत्तर – धागड  शब्द का अर्थ ओरावा भाषा में है ! जिसका अर्थ होता है ! भाड़े का मजदूर धागड़ एक आदिवासी जाती है ! जिसे 18वीं शताब्दी के अंत में नील की खेती के सिलसिले में दक्षिण बिहार के छोटा नागपुर पठार से चंपारण के इलाके में लाया गया था ! धागड़ जाति आदिवासी जातियों ओराव मुंडा लोहार इत्यादि के वंशज है ! लेकिन ये अपने आप को आदिवासी नहीं मानते है ! ये बहुत ही मेहनती और बलसाली होते है ! ये भोजपुरिया म्देसी भाषा में बात करते है ! इनका जीवन बेहद ख़ुशी पूर्वक बीतता है ! स्त्री तथा पुरुष ढलती शाम के मंद प्रकास में सामूहिक नृत्य करते है ! अतः नृत्य इनलोगों का अत्यंत मनमोहक होता है |

4. चंपारण क्षेत्र में बाढ़ के क्या कारण है ?

उत्तर – चम्पारण  में बाढ़ का प्रमुख कारण जंगल की कटाई है ! यहां बहने वाली मसान सिकराहना गंडक नदियों के तट पर विशाल वन क्षेत्र  भरे पड़े थे ! यह वनों को मनुष्यों ने अपनी भोग विलास वसुंधरा के लिए काटना शुरू किया जिसके कारण बाढ़ का प्रकोप बढ़ता चला गया |

5. थारुओ की कला के प्ररिचय पाठ के आधार पर दे ?

उत्तर – थारुओ की कला एक अनुपम है ! कला उनकी जिन्दगी का अंग है ! धान पात्र सिख का बनाया जाता है ! तथा आकर्षण रंगों और डिजाइनों में से रंगा जाता सिख और मुज से घरेलू उपयोगिता के बनाने में उनको कोई परेशानी नहीं है ! उनके घर समानो में उनकी कला की झलक मिलती है |

6. ओ सदानीरा पाठ में आए नौका बिहार प्रसंग का वर्णन करे ?

उत्तर – जगदीश चन्द्र माथुर द्वारा रचित ओ सदानीरा शीर्षक निबंध के माध्यम से गंडक नदी को निर्मित बनाकर उसके किनारे की संस्कृति और जीवन प्रवाह की अन्तरंग झाकी पेश करते है ! जी स्वयं गंडक नदी के तरह प्रवाह दिखलाई पड़ता है ! ओ सदानीरा पाठ में आए नौका बिहार प्रसंग बहुत ही मनमोहक है ! गंडक नदी में नौका बिहार अनुभव लेखक को प्राप्त है ! उनका कहना है ! की गंडक नदी में नौका बिहार बहुत ही मनमोहक लगता है ! नौका बिहार होने से गंडक नदी के बारे में जानकारी प्राप्त होता है साथ की गंडक नदी के किनारे की संस्कृति और जीवन प्रवाह के बारे में नौका बिहार से विशेष अनुभव भी प्राप्त होता है |

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7. ओ सदानीरा पाठ का सरांश लिखिए ?

उत्तर – जगदीश चन्द्र माथुर द्वारा लिखित ओ सदानीरा निबंध के माध्यम से गंडक नदी को निर्मित बनाकर उसकी किनारों की संस्कृति और जीवन प्रवाह की झाकी पेश करते है ! कवि गंडक नदी की प्रवाह की चर्चा करते है ! सर्वप्रथम चम्पारण क्षेत्र की प्रकृतिक वातावरण का वर्णन करते हुए उसकी एक एक अंग का मनोहारी अंकन करते है ! कवि बता रहे है ! की बिहार के चंपारण जिले में गंडक नदी पहाड़ो से निचे उतरती हुई चंपारण क्षेत्र में प्रवेश करती है ! उसके किनारे चंपारण की जंगले है ! जंगलो से होती हुई सदानीरा नदी बहती हुई आगे बढती है |

नदियों के किनारे विभिन्न प्रकार के मंदिर तथा त्रिशियो का आश्रम है ! इस नदी के किनारे विभिन्न प्रकार की संस्कृतियाँ वासी है ! जब भादो के महीना में बाढ़ आता है ! तो लगता है ! की नदिया तांडव मचा रही है ! यह नदी पुनिय योग्य है 〈 इस नदी के किनारे विभिन्न प्रकार की फसले उपजाई जाती है 〉 इस नदी के किनारे के जंगलो को कटाई करने के कारण ही बढ़ आती है ! इस नदी में मानव पूजा पाठ के समाग्री को डालकर प्रदूषित कर रहा है |

इस चम्पारण की धरती पर गांधीजी नए सत्याग्रह की विगुल फुकी थी धरती का इतिहास बहुत पुरान है ! कहाँ जाता है  ! की इस नदी के किनारे देवी देवता और नारायण विचलन करते थे अंत में गंडक की महिमा की बजना करते हुए कवि कहते है ! की ओ सदानीरा ओ चक्रा ओ नरायनी ओ महा-गंडक तुमे युगों से दीन्हीं जनता विभिन्न नामो से संबोधित करती रही है ! आज तेरी पूजन के लिए जिस मंदिर की प्रतिष्ठा हो रही है ! उसकी नींव बहुत पुरानी है ! तू  इसे टुकडा नहीं कर पाएगी |

8. वसुंधरा भोगी मानव और धर्मान्ध मानव एक ही सिक्के के दो पहलु है सप्रसंग व्यख्या करे ?

उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति जगदीश चन्द्र नाथूर द्वारा लिखित ओ सदानीरा शीर्षक से लिया गया है ! इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक यह कहना चाहते है ! की एक तरफ मनुष्य जंगल काटे जा रहा है ! खेतो पशु पक्षियों आदि को नष्ट कर रहा है ! नदियों पर बांध बनाकर उसे नष्ट कर रहा है ! तो दूसरी तरफ धर्मान्ध मानव गंगा को मैर्या कहता है ! पर अपने घर की नाली कूड़ा कर कट पूजन समाग्री जो प्र्दुष्ण ही फैलाते है ! गंगा नदी में प्रवाहित करता है ! इस प्रकार दोनों इस प्रकृति को नष्ट करने में लगे हुए है | अतः कहा जा सकता है ! की वसुंधरा भोगी मानव और धर्मान्ध मानव एक ही सिक्के के दो पहलु है |

Class 12th Hindi Subjective Notes
Class 12th Hindi 100 Marks Subjective Notes गद्य खण्ड
पाठ – 1बातचीत 
पाठ – 2उसने कहाँ था 
पाठ – 3सम्पूर्ण क्रांति 
पाठ – 4अर्धनारीश्वर 
पाठ – 5रोज 
पाठ – 6एक लेख और एक पत्र 
पाठ – 7ओ सदानीरा 
पाठ – 8सिपाही की माँ 
पाठ – 9प्रगीत और समाज 
  पाठ – 10जूठन 
  पाठ – 11हँसते हुए मेरा अकेलापन 
  पाठ – 12तिरिछ 
  पाठ – 13शिक्षा
Class 12th Hindi Subjective Notes पद्य खण्ड
पाठ – 1कड़बक 
पाठ – 2सूरदास के पद 
पाठ – 3तुलसीदास के पद 
पाठ – 4छप्पय

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