Hundru ka jal prapat | Bseb Class 10 Non Hindi हुंडरू का जल प्रपात

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Bihar Board Class 10th Non Hindi Chapter 5 Hundru Ka Jal Prapat – हुंडरू का जल प्रपात

पाठ – 5
लेखक – कामता प्रसाद सिंह
शीर्षक – हुंडरू का जल प्रपात

1. जैसे हुंडरू का झरना वैसे उसका मार्ग’’ इस कथन की व्याख्या कीजिए ?

उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति हमारी पाठ पुस्तक हिंदी पाठ से हुंडरू का जल प्रपात शीर्षक से लिया जाता है ! जिसके लेखक कामता प्रसाद सिंह है,, कवी से इस पंक्ति के माध्यम से यह बताना चाहते है ! की हुंडरू का झरना आकर्षक मन मोहक और आनंदायक है ! उसी प्रकार भी हुंडरू जाने का मार्ग भी काफी आकर्षक मन मोहक और आनंदायक है ! मार्ग में बीहड़ जंगल जिसमे हिंसक जीवो की आवाज के साथ – साथ मन मोहक लगता है ! हरे भरे खेत की हरियाली और भी बढ़ा देती है |

2. हुंडरू का झरना कैसे बना है ?

उत्तर – हुंडरू का झरना स्वर्ण रेखा नदी के भाव से पहाड़ो के काटने के कारण उसका पानी कई रास्ते में विभक्त हो जाता है ! और पुनः एक जगह हुंडरू नामक स्थान में पहाड़ से 243 फुट निचे आकर गिरता है ! इस प्रकार हुंडरू का झरना का निर्माण होता है |

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3. स्वयं झरने से भी ज्यादा खूब सूरत मालुम होता है,, झरने से आगे का दृश्य उस दृश्य के सुन्दरता का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए ?

उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति हमारी पाठ पुस्तक हुंडरू का जल प्रपात शीर्षक से लिया गया है ! कवी इस पंक्ति के माध्यम से यह बताना चाहते है ! की हुंडरू के झरने की आगे का दृश्य काफी खुबसुरत मालुम पड़ता है ! घाटी और पहाड़ो से गुजरती हुई ! स्वर्ण रेखा नदी मानो थर्मामीटर की पारा की तरह आगे बढती जाती है ! नदी के आगे पीछे पहाड़ पत्थर और झाड़ियाँ इस दृश्य को और सुंदर बना देती है ! यह दृश्य काफी ही मन मोहक लगता है। Jawan

Bseb Class 10 Non Hindi हुंडरू का जल प्रपात

4. प्रस्तुत पाठ के आधार पर समझाइए की किसी यात्रा वृत्तांत को रोचक बनाने के लिए किन – किन बातो पर ध्यान देना चाहिए ?

उत्तर – प्रस्तुत पाठ हुंडरू का जल प्रपात यात्रा वृत्तांत पर आधारित है ! किसी भी यात्रा वृत्तांत को रोचक बनाने के लिए प्रकृति सौन्दर्य के साथ – साथ वहां के सांस्कृतिक आर्थिक समाजिक स्थिति का वर्ण भी अनिवार्य है |

5. यहाँ पर एक दृश्य का वर्णन दो तरह से किया गाय है ?

क. हुंडरू का पानी कही साँप की तरह चक्कर काटता है,, तो कही हिरन की तरह छलांग भरता है,, और कही बाघ की तरह गरजता हुआ निचे गिरता है |
ख. हुंडरू का पानी चक्कर काटकर छलांग भरता हुआ निचे गिरता है.,, इनमे से कौन सा वर्णन आपको अच्छा लगा और क्यों ?

उत्तर – यहाँ पर एक दृश्य का वर्णन दो तरह से किया गया है ! इसमें से हमें ऊपर की पंक्ति का वर्णन हमे सबसे अच्छा लगता है ! क्योकि सीमे हुंडरू के पानी को कही सांप की तरह चक्कर काटे हुए बताया गया है ! तो कही हिरन की तरह छलांग मारते हुए बताया गया है ! इसमें ये भी बताया गया है,, की हुंडरू का पानी ऊपर से जब निचे गिरता है ! तो उसकी आवाज बाघ की दहाड़ की तरह मालुम पड़ता है ! इसलिए पहली वाली पंक्ति हमें बहुत अच्छी लगती है |

हुंडरू के जल प्रपात नोट्स इन हिंदी 

6. हुंडरू के जल प्रपात की क्या विशेषता है ?

उत्तर – हुंडरू का जल प्रपात दर्शन निचे है,, उसकी उंचाई 243 फुट है ! स्वर्ण रेखा नदी की जलधारा पहाड़ को पार करने के क्रम में टकराकर अनेक जल धराव में विभाजित हो जाति है ! फिर पुनः एक होकर निचे गिरता है ! तो उजला पानी ऐसा प्रतीत होता है,, की पानी चक्कर और भवर में पीसकर पत्थर का चूर्ण गिर रहा है ! कभी – कभी बिच में चट्टान पर प्रबल धारा गिरती है ! तो संघर्ष से इन्द्रधनुष जैसा रंग उत्पन्न होता है ! ऐसा प्रतीत होता है, की सतरंग पानी हवा में उड़कर विलीन हो रहा है ! या हवा में उड़ता इन्द्रधनुष कट कटा रहा है ! यह दृश्य अद्भुत है,, चारो ओर जंगल और बिच में जल धारा प्रकृति की लीला स्थली का आभाव कराता है |

7. हुंडरू का जल प्रपात गध की कौन सी विधा है |

उत्तर – हुंडरू का जल प्रपात गध की विधा यात्रा वृतांत है |

S.N Class 10th Non Hindi Subjective Notes
पाठ – 2 ईदगाह
पाठ – 3 कर्मवीर
पाठ – 4 बलगोबिन भगत
पाठ – 5 हुंडरू का जल प्रताप
पाठ – 6 बिहारी के दोहे
पाठ – 7 ठेस
पाठ – 8 बच्चे की दुआ
पाठ – 9 अशोक का शस्त्र त्याग
पाठ – 10 इर्ष्या तू न गई मेरे मन से
पाठ – 11 कबीर के पद
पाठ – 12 विक्रमशिला
पाठ – 13 दीदी की डायरी
पाठ – 14 पीपल
पाठ – 15 दीनबंधु निराला

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