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Bihar Board Class 10 History Chapter 8 Press Sanskriti Evm Rashtravad – प्रेस-संस्कृति एवं राष्ट्रवाद Subjective
पाठ 8 : प्रेस-संस्कृति एवं राष्ट्रवाद
इनके बारे में 20 शब्दों में लिखिए
क. छाप खाना क्या है ?
उत्तर – छाप खाना मानव सभ्यता के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है ! इसके अविष्कार से ही मानव की ज्ञान दुनिया में आगे बढ़ सकता है |
ख. गुटेनबर्ग किसे कहते है ?
उत्तर – गुटेनबर्ग जर्मनी का रहने वाला है यह सब्जी मंदार तथा व्यापारिक परिवार का व्यक्ति था ! जिसने 1440 में आधुनिक हैंड प्रेस का निर्माण किया |
ग. रेशम मार्ग क्या है ?
उत्तर – समर केंद्र परसिया तथा श्री श्याम मार्ग को ही रेशम मार्ग कहते हैं ! इसी मार्ग से मार्को पोलो छापाखाना की तकनीक कोचीन से यूरोप लाए थे |
घ. बाइबल क्या है ?
उत्तर – बाइबिल ईसाईयों का सबसे महत्वपूर्ण धर्म ग्रंथ है ! जिसको सबसे पहले गुटेनबर्ग ने अपनी छाप खाना में 42 और 36 लाइन की पुस्तक छापी थी |
ङ. मराठा
उत्तर – मराठा बाल गंगाधर तिलक के द्वारा प्रकाशित पत्रिका का नाम है ! जिसका उद्देश्य भारतीयों के बीच राष्ट्रीयता की भावना जगाना था |
च. यंग इंडिया
उत्तर – यंग इंडिया महात्मा गांधी द्वारा प्रकाशित समाचार पत्र का नाम है ! जिसमें भारतीय युवाओं को अपने कर्तव्य का ज्ञान कराया गया |
छ. वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट किसे कहते है ?
उत्तर – 1878 में लार्ड लिटन के द्वारा या नीति अपनाई गई ! जिसका उद्देश्य भारतीय समाचार पत्रों पर प्रतिबंध लगाना था |
ज. सर सैयद अहमद
उत्तर – सर सैयद अहमद इन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन को कांग्रेस की तरफ से मोड़ कर अंग्रेजो की तरफ ले जाना चाहते थे ! जिसको अधिकांश मुसलमान नेताओं ने ही स्वीकार करने से इनकार कर दिया |
झ. प्रो स्टैंड वाद
उत्तर – मार्टिन लूथर के द्वारा तर की विचारधारा को बढ़ावा देने के बाद ईसाई धर्म को दो भागों में बांटा जो मार्टिन लूथर के विचार का समर्थक थे ! वही प्रो स्टैंड वाद कहलाया |
ञ. मार्टिन लूथर
उत्तर – यह एक धर्म सुधारक का नाम है ! जो ईसाई धर्म में फैले हुए अंधविश्वास को दूर करने के लिए पांचना व्यवस्थापन नाम से पुस्तक प्रकाशित किए |
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प्रश्न 2.
गुटेनबर्ग ने मुद्रण यंत्र का विकास कैसे किया ?
उत्तर – गुटेनबर्ग की सब्जी मंदार तथा व्यवसाय घराने के व्यक्ति थे ! जिनके घर बहुत पहले से तेल पेरने वाली मशीन थी ! उसको देखते देखते ही मुद्रण काल के क्षेत्र में कुछ परिवर्तन चाहते थे ! जिसके लिए कुछ चीजो का निर्माण की पुनः लोहे का प्लेट और कांट के सहारे एक नई मुद्रा काल को ही विकसित कर दिया |
प्रश्न 3.
छाप खाना यूरोप में कैसे पहुंचा ?
उत्तर – छाप खाना का सबसे पहले विकास चीन जापान और कोरिया में हुआ ! जिस समय चीन में छाप खाना काफी तीव्र गति से विकास कर रहा था ! उस समय मार्कोपोलो यात्री के रूप में चीन में मौजूद थे ! चीन में छाप खाने को देखकर उनके मन में भी इच्छा जगी कि इस तकनीक को यूरोप पहुंचाई जाए ! और वह रेशम मार्ग के द्वारा छाप खाना को लेकर यूरोप पहुंचे |
प्रश्न 4.
एक्वीजीशन से आप क्या समझते हैं इनकी जरूरत क्यों पड़ती है ?
उत्तर – एक्वीजीशन गुर्ज आधार के पोप द्वारा लागू किया गया एक नियम था ! जिसके द्वारा पुत्र को चुनौती देने वाले को तथा धर्म विरोधी विचारधारा फैलाने वाले लोगों को दबाने का प्रयास किया गया ! एक्विजिशन की आवश्यकता इसलिए पड़ी ! क्योकि मार्टिन लूथर ने शास्त्रों के लिए चुनौती दे दिए थे |
प्रश्न 5.
पांडुलिपि क्या है इसकी क्या उपयोगिता है ?
उत्तर – पांडुलिपि भारतीय राजाओं तथा लोगों द्वारा संधियों पूर्व लेखन के लिए अपनाया गया एक विधि था ! समें मोर के पंख से बनी हुई कलम और तांबे के पतली प्लेट या कपड़ा पर लिखने का कार्य किया जाता था |
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प्रश्न 6.
लॉर्ड लिटन ने राष्ट्रीय आंदोलन को गतिमान बनाया कैसे ?
उत्तर – लॉर्ड लिटन जिस समय भारत का गवर्नर जनरल बने उस समय भारतीय समाचार पत्र लोगों में राष्ट्रीयता की भावना जगा रही थी ! फलतः 1878 में वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट वर्ग लागू कर समाचार पत्रों पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया गया ! जिसके परिणाम स्वरुप भारतीयों के बीच अंग्रेजों के प्रति नफरत की भावना बढ़ गई ! इस तरह लार्ड लिटन का कार्य राष्ट्रीय आंदोलन को गतिमान बना दिया |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 7.
मुद्रण क्रांति ने आधुनिक विश्व को कैसे प्रभावित किया ?
उत्तर – मुद्रण क्रांति के पूर्व मानव ज्ञान के क्षेत्र में बिल्कुल अनजान बना हुआ था ! 1105 में चीनी नागरिक के द्वारा कागज का पहली बार निर्माण करने से मानो मुद्रण काल के क्षेत्र में आगे बढ़ने लगा 1594 तक लकड़ी के ब्लॉक प्रिंटिंग प्रेस का निर्माण हो जाने से छपाई की नई तकनीक विकसित हुई ! जो चीन जापान कोरिया से होते हुए रूस जर्मनी इंग्लैंड तथा पुतर्गाल के द्वारा संपूर्ण एशिया तथा यूरोप महादेश में फैल गया ! जिसके बदौलत स्थापित मानवता के सिद्धांत का स्थान तार्किक मानवता के सिद्धांत ने ले लिया ! और बोन मैरो मैं अलग-अलग लेखकों की किताबें छपने लगी ! जिसे पढ़ने के बाद ज्ञानी मानव का विकास हुआ ! इस प्रकार मुद्रण क्रांति ने आधुनिक विश्व को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया |
प्रश्न 8.
19 वीं सदी में भारत में प्रेस के विकास को रेखांकित करें ?
उत्तर – 19 वीं सदी भारतीय इतिहास में समाचार पत्रों के विकास की शादी समझी जाती है ! उन्नीसवीं सदी के पूर्व भारत के लोग समाचार पत्रों की महत्व नहीं समझते थे ! किंतु 19 वीं सदी के प्रारंभ में गंगाधर भट्टाचार्य राजा राममोहन राय द्वारिका नाथ टैगोर जैसे लोगों द्वारा समाचार पत्रों का प्रकाशन प्रारंभ किया गया ! धीरे-धीरे जन मानस की झुकाव इस तरफ बढ़ने लगी 1857 के सिपाही विद्रोह के बाद दादा भाई नौरोजी बाल गंगाधर तिलक ईश्वरचंद विद्यासागर भारतेंदु हरिचंद्र जैसे लोगो ने और लेखकों ने भारतीय देश को विकसित करने में काफी सहयोग किया ! जिसके परिणाम स्वरूप ही राष्ट्रीय आंदोलन प्रारंभ हुआ |
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प्रश्न 9.
भारतीय प्रेस की विशेषताओं को लिखें ?
उत्तर – भारतीय प्रेस अनेक विशेषताओं से भरा हुआ है ! जिसका वर्णन निम्नलिखित है –
क. सामाजिक विशेषता
उत्तर – भारतीय समाचार पत्र 19वीं सदी से आज तक जनता को सामाजिक संरचना तथा सामाजिक सभ्यता संस्कृति का ज्ञान कराता रहा है ! जिसके आधार पर भारतीय समाज विखंडन से बचा हुआ है |
ख. आर्थिक विशेषता
उत्तर – भारतीय समाचार पत्रों द्वारा व्यवसायियों उद्योगपति तथा पूंजी पतियों के लिए देश-विदेश के आर्थिक समाचारों को प्रकाशित किया जाता है ! जिसे घर बैठे जानकारियां उपलब्ध होती है |
ग. राजनीतिक विशेषताएं
उत्तर – भारतीय समाचार पत्र अपने लेख के माध्यम से लोगों को राजनीतिक शिक्षा का ज्ञान कराता है ! जिससे जनता देश के सभी समस्याओं को जान पाती है |
घ. मनोरंजन संबंधी विशेषताएं
उत्तर – समाचार पत्रों में खेल चुटकुले फिल्म कांव-कांव जैसे समाचारों को छाप कर लोगों को मनोरंजन का मौका दिया जाता है |
प्रश्न 10.
राष्ट्रीय आंदोलन को भारतीय प्रेस ने कैसे प्रभावित किया ?
उत्तर – 19 वीं सदी के प्रारंभ में गंगाधर भट्टाचार्य के द्वारा 1816 में बंगाल के राजा राम मोहन राय द्वारा संवाद कौमुदी जैसे पत्रिका का प्रकाशन करने से ही समाचार पत्र राष्ट्रीय आंदोलन को प्रकाशित करने लगे ! 1857 में समाचार पत्र दो भागों में बांटा गया फिर भी भारतीय समाचार पत्र लोगों में राष्ट्रीयता का भावना जगाने में सफल हुए जिसका परिणाम ही था ! कि 1899 से लेकर मार्च 1947 तक अंग्रेजों ने भारतीय समाचार पत्रों को प्रतिबंध करने का प्रयास किया ! इसके बावजूद भी भारतीय समाचार पत्र विभिन्न लेखों के माध्यम से भारतीय जन मानस को समझाते रहे कि अंग्रेज भारत के हितैषी नहीं है ! हमें अपनी राष्ट्र की आजादी चाहिए तो संगठित होकर अंग्रेजों का सामना करना होगा भारतीय प्रेस के इसी प्रयास स्वरूप ही देश में राष्ट्रीय आंदोलन प्रारंभ हुए |
प्रश्न 11.
मुद्रण यंत्र की विकास यात्रा की रेखांकित करें आधुनिक स्वरूप में कैसे पहुंचा ?
उत्तर – मुद्रण यंत्र के विकास की कहानियों 905 में चीन से प्रारंभ हुई ! जब पशुपालन लोन के द्वारा पहली बार कपास और कच्चे माल से कागज तैयार किया गया 10 वीं सदी के पूर्व ब्लैक प्रिंटर के द्वारा छपाई कार्य चलाया जाता था ! इसी बीच चीनी नागरिक संघ के द्वारा मिट्टी के मुद्रा का आविष्कार किया गया पहले यह केवल चीन जापान और कोरिया तक ही सीमित था ! किंतु 13वीं सदी में मार्को पोलो इस कला को रेशम मार्ग द्वारा यूरोप हुंचाए फलतः 936 में जर्मनी में प्रथम पेपर मिल की स्थापना हुई ! इस कार्य को जर्मनी वासी गुटेनबर्ग के द्वारा आगे बढ़ाया गया जो 1440 ई. में हैंड प्रेस का निर्माण किया ! जिसके बाद 1475 में इंग्लैंड तथा 1544 में संपूर्ण मुद्रा काल का विकास यूरोपीय महादेश में हुआ |
Class 10th History Subjective Notes – इतिहास | |
पाठ – 1 | यूरोप में राष्ट्रवाद |
पाठ – 2 | समाजवाद एवं साम्यवाद |
पाठ – 3 | हिन्द-चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन |
पाठ – 4 | भारत में राष्ट्रवाद |
पाठ – 5 | अर्थव्यवस्था और आजीविका |
पाठ – 6 | शहरीकरण एवं शहरी जीवन |
पाठ – 7 | व्यापार और भूमंडलीकरण |
पाठ – 8 | प्रेस-संस्कृति एवं राष्ट्रवाद |