Asli Chitra Notes | Bseb Class 6 Hindi (Kislay) असली चित्र

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Bihar Board Class 6th Hindi Asli Chitra – असली चित्र Ka Question Answer

पाठ – 2 : असली चित्र

1. यह कहानी आपको कैसी लगी ? इस संबंध में आप अपने तर्क (विचार) दें ?

उत्तर – यह कहानी हमको बहुत अच्छी लगी ! क्योकि यह एक बहुत रोचक तथा मनोरंजक कहानी है ! इस असली चित्र कहानी की सबसे बड़ी विशेषता यह है ! की इस कहानी में तेनालीराम की बुद्धि के सामने सेठ जी की एक भी चालाकी नहीं चली तथा अंत में सेठ जी को अपनी हार स्वविकार करनी पड़ी | Salaar

2. इसका कौन सा पात्र अच्छा लगा और क्यों ?

उत्तर – असली चित्र कहानी में हमको तेनालीराम वाला पात्र हमको सबसे अच्छा लगा ! क्योकि यह कहानी तेनालीराम के कारण ही आगे बढ़ती है ! लेकिन असली चित्र कहानी का बिच में ही अंत हो जाता है ! और इसका अंत दुखदायी होता है ! क्योकि चित्रकार को अपने मेहनत का फल नहीं मिलता है | Pathan

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3. तेनालीराम ने इस घटना की खबर राजा को दी तो क्या हुआ ?

उत्तर – तेनालीराम ने इस घटना की खबर अपने राजा कृष्णदेव राय जी को दी ! जिसके बाद राजा ने यह खबर लोट पोट हो गये ! और वह अपनी हँसी रोक नहीं पाये | Skanda

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4. एक कौड़ी खर्च करने में उसकी जान निकलती थी ! इस वाक्य का आशय स्पष्ट कीजिये ?

उत्तर –  प्रस्तुत पंक्ति हमारी हिंदी पाठ्य के असली चित्र शीर्षक से लिया गया है ! जिसमे लेखक इस पंक्ति के बारे में बताते है ! की राजा कृष्णदेव राय के राज्य में एक कंजूस सेठ था ! जो एक रुपया भी खर्च नहीं करना चाहता था ! उसे एक कौड़ी खर्च करने में उसकी जान निकल जाती थी ! वह तो एक घनी सेठ था ! परन्तु पैसे को खर्च करना सहन नहीं कर सकता था ! इसके उपरान्त में एक कहावत है ! की चमड़ी जाये तो जाय पर दमड़ी बची रहे |

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5. रिक्त स्थानों को भरिए।

क. कंजूस सेठ ने चित्रकार से ___________देने का वादा किया ।
उत्तर – सौ स्वर्ण मुद्राएँ

ख. यह कहानी राजा ___________के राज्य की है ।
उत्तर –  कृष्णदेव राय

ग. चित्रकार ने ________ से सलाह ली ।
उत्तर –  तेनालीराम

घ. एक दिन चित्रकार_______ लेकर सेठ के पास पहुंचा ।
उत्तर –  आईना

ङ. तेनालीराम राजा कृष्णदेव राय के दरबार में__________ थे ।
उत्तर –  विदूषक

असली चित्र का क्वेश्चन आंसर

6. चित्रकार की जगह आप होते तो क्या करते ?

उत्तर – अगर चित्रकार के जगह हम होते या कोई भी दुसरा व्यक्ति होता तो सेठ की चालाकी से निराश होकर बैठ जाता और दो से तीन प्रयास करने के बाद अपने द्वारा बनाये गए चित्र को सेठ के यहाँ छोड़कर अपने घर चला जाता |

7. गप्प लगाने से नुकसान ज्यादा होता है ! या फायदा पाँच वाक्यों में लिखिए ?

उत्तर – हमारे अनुसार गप्प लगाने से ज्यादात्तर नुक्सान ही होता है’ जिसके कुछ कारण निम्नलिखित है’ जो इस प्रकार से है –
क. गप्प लगाने का आधार ज्यादात्तर झूठ होता है |
ख. झूठ के पाँव नहीं होते है |
ग. झूठ अपने बल पर देर तक टिक नहीं पाता है |
घ. बार – बार  गप्प लगाने वाला व्यक्ति अपने मित्रों के सामने बहुत प्रभाव डालने में विफल हो जाता है |
ड. ज्यादात्तर गप्प लगाने से सच्चाई प्रकट हो जाती है ! गप्प लगाने से नुकसान ज्यादा होता है ! फायदा नहीं |

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8. बार बार कंजूस सेठ द्वारा अपना चेहरा बदल लेने के बाद चित्रकार को सलाह किसने दी ? दी गई सलाह का क्या परिणाम हुआ ?

उत्तर –  बार बार कंजूस सेठ द्वारा अपना चेहरा बदल लेने के बाद चित्रकार को सलाह तेनालीराम ने दिया था ! क्योकि चित्रकार कंजूस सेठ की चालाकी से बहुत दुखी हो गया था ! उसे समझ में नहीं आ रहा था ! की अब वह क्या करे ! उसके बाद चित्रकार ने तेनालीराम से भेट किया ! और अपनी सारी समस्या की बाते बताई ! उसके बाद तेनालीराम ने इस समस्या का हल चित्रकार को बताया ! और चित्रकार को एक आइना लेकर जाने को कहाँ ! जिसके बाद चित्रकार ने वैसा ही किया ! उसके बाद कंजूस सेठ के एक भी चालाकी नहीं चली ! और सेठ का असली चेहरा आइना में आ गया ! जिसके बाद सेठ को अपनी हार स्वीकार करनी पड़ी ! तेनालीराम की यह सलाह उस समय सही साबित हुआ |

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