Bharat Mata Notes । Bseb Class 10th Hindi भारतमाता

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Bihar Board Class 10th Hindi Bharat Mata – भारतमाता Subjective

पाठ – 5 : भारत माता
लेखक – सुमित्रानंदन पंत
जन्म – 1900 में अलमोड़ा
मत्यु – 29 दिसम्बर 1971 में

कवी परिचय
  • सुमित्रानंदन पन्त का जन्म 1980 में उत्तराखंड के जिले आलमोड़ा में हुआ था |
  • सुमित्रानंदन पन्त के माता का नाम सरस्वती देवी और पिता का नाम गंगाघर पन्त था |
  • जन्म के 6 घंटे बाद ही कवी के माँ की मृत्यु हो गई थी |
  • सुमित्रानंदन पन्त को सुकुमार कवी भी कहते है |
  • पंतजी छायावादी मानवतावादी एवं प्रकृति के प्रिय कवी थे |
  • सुमित्रानंदन पन्त का अंतिम काव्य लोक्य्तन है |
  • पन्त जी ने आलोचना कहानी उपन्यास आदि लिखा है |
  • काव्य चिदम्बरा के लिए सुमित्रानंदन पन्त को भारतीय ज्ञान पीठ पुरस्कार मिला था |
  • भारत माता कविता काव्य संग्रह ग्राम्या से लिया गया है |

सुमित्रानंदन पन्त की प्रमुख कविताएँ – उच्छ्वास , पल्लव , वीणा , ग्रंथि , गुंजन , युगांत , युगवाणी , ग्राम्या स्वर्णधूलि स्वर्णकिरण , युगपथ , चिदम्बरा आदि है |

1. भारत माता अपने ही घर में प्रवासिनी क्यों बनी हुई है ?

उत्तर – भारत मातापने ही घर में प्रवासिनी बनी हुई है | क्योकि इनके समाने भारतीय लोगो पर अंग्रेज अत्याचार कर रहे है और यह चुपचाप देख रही है | जैसे कोई प्रवासी या मेहमान किसी दसरे के घर पर चुपचाप देखता है |

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2. कविता में कवी भारत वासियों का कैसा चित्र खींचता है ?

उत्तर – कवी सुमित्रानंदन पन्त के अनुसार भारत के 30 करोड़ लोग फटे पुराने वस्त्र पहने है | आधा पेट भोजन करते है | वह शोषित बिना वस्त्र के मुर्ख और असभ्य शिक्षित है | वे अंग्रेजो के सामने नतमस्तक है और वृक्ष के निचे निवास करने के लिए मजबूर है |

3. भारत माता का ह्रास भी राहुग्रसित क्यों दिखाई पड़ता है ?

उत्तर – भारत माता का ह्रास भी राहू ग्रसित दिखाई पड़ता है ! क्योकि भारत माता पर ऊगे स्वर्ण जैसे फसल को अंगेजो के पैरो तले कुचला जा रहा है |

Bihar Board Class 10 Hindi Solutions पद्य Chapter 5 भारतमाता

4. कवी भारत माता को गीता प्रकाशनी मानकर भी जान मूढ़ क्यों कहता है ?

उत्तर – भारत विश्व के सबसे महत्वपूर्ण गंथो में से एक ग्रन्थ गीता को प्रकाशित करने वाला देश है | परन्तु वर्तमान में यही के लोग मूढ़ ( मुर्ख ) और असभ्य है | इसलिए कवी भारत माता को गीता प्रकाशिनी मानकर भी मूढ़ कहा है |

5. कवी के दृष्टि में आज भारत का तप संयम क्यों सफल है ?

उत्तर – कवी को आज भारत माता का तप संयम सफल होता हुआ दिख रहा है | क्योकि उसे ऐसा लगता है की गांधीजी भारत माता का अहिंसा रूपी दूध पीकर लोगो को अंग्रेजो से बचाने आए है |

6. कविता के प्रथम अनुच्छेद में कवि भारत माता का कैसा चरित्र प्रस्तुत करता है ?

उत्तर – कविता के प्रथम अनुच्छेद में कवि ने भारत माता की आत्मा कही जाने वाली ग्रामीणों की त्रासदी का धुंधला मत मौला जीवन का चरित्र प्रस्तुत किया है |

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7. व्याख्या करें 
क. स्वर्ण शस्य पर पद-तल-लुंठित, धरती-सा सहिष्णु मन कुंठित |

उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी पाठ के काव्यखंड में भारतमाता शीर्षक से लिया गया है ! जिसके लेखक सुमित्रानंदन पंत जी है ! कवि इस पंक्ति के माध्यम से यह बताना चाहते है ! कि वे सोना जैसी मीठी पराधीनता के चुंगल में फस गई है ! तथा कुंठित हो गई है ! वह हंस भी नहीं पा रही है ! जिससे हमारा देश पूर्ण रूप से लूटा हुआ महसूस हो रहा है |

ख. चिंतित भृकुटि क्षितिज तिमिरांकित, नमित नयन नम वाष्पाच्छादित।

उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी पाठ के काव्यखंड में भारतमाता शीर्षक से लिया गया है ! जिसके लेखक सुमित्रानंदन पंत जी है ! कवि इस पंक्ति के माध्यम से यह बताना चाहते है ! कि हमारी भारतमाता बिल्कुल चिंतित हो गई है ! उसके सामने चारों तरफ अंधकार ही अंधकार दिखाई देता है ! जिस प्रकार आंखों के सामने आकाश में छाए हुए बादल अंधकार रूप में दिखाई देता है ! ठीक उसी प्रकार गुलाम भारत भी अंधकार ही अंधकार में दिखाई दे रहा है |

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