Shiksha aur sanskriti notes । Bseb Class 10 Hindi शिक्षा और संस्कृति

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Bihar Board Class 10th Hindi Chapter 12 shiksha aur sanskriti – शिक्षा और संस्कृति

Chapter – 12 शिक्षा और संस्कृति
शीर्षक –  शिक्षा और संस्कुती
लेखक –  महात्मा गाँधी
जन्म – 2 अक्टूबर 1869 में पोरमबंदर नाम के गुजरात राज्य में
विवाह –  इनका विवाह 1883 में कस्तूरबा गाँधी के साथ
मुत्यु –30 जनवरी 1948 में नई दिल्ली में एक सिर फिरे ने उनकी हत्या कर दी

लेखक परिचय :- शिक्षा और संस्कृति पाठ के लेखक महात्मा गाँधी जी है | इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 ई. को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था | गांधीजी का उपनाम राष्ट्रपिता बापूजी है | गाँधी जी के माता का नाम पुतलीबाई और पिता का नाम मोहनदास करमचन्द्र गांधी था | गांधी जी की पत्नी का नाम कस्तूरबा बाई थी | गाँधी जी ने दक्षिण अफ्रीका ( 1893 – 1913 ) तक वकालत की थी

महत्वपूर्ण बिंदु
  • वह दक्षिण अफ्रीका से 1915 ई. में भारत लौटे थे |
  • गाँधी जी ने पहला सत्याग्रह आन्दोलन दक्षिण अफ्रीका में किया था |
  • गाँधी जी अपना हथियार सत्य और अहिंसा को मानते थे |
  • वह बढ़िया शिक्षा – अहिंसक प्रतिरोध एवं ह्रदय की शांति को मानते थे |
  • गांधी जी की मृत्यु 30 जनवरी 1948 ई. में हुई थी |
  • गाँधी जी की हत्या नाथूराम गोडसे ने की थी |
  • गाँधी जी को सबसे पहले बापू कहकर – रविन्द्र नाथ टैगोर ने बुलाया था |
  • गाँधी जी प्रसिद्ध पत्र यंग इण्डिया और हरिजन है |
  • गांधी जी के राजनितिक गुरु – गोपाल कृष्ण गोखले थे |
  • 1915 में गाँधी जी ने साबरमती आश्रम की स्थापना की थी |
पाठ के साथ 
1. गांधी जी बढ़िया शिक्षा किसे कहते है ?

उत्तर –गांधी जी बढ़िया शिक्षा अहिंसक प्रतिरोध और व्यावहारिक शिक्षा को कहते है | जिससे मनुष्य के चरित्र का निर्माण हो |

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2. इन्द्रियों का बुद्धि पूर्वक उपयोग सीखना क्यों जरुरी है ?

उत्तर –मस्तिष्क के विकास के लिए इन्द्रियों को बुद्धि पूर्वक उपयोग करना आवश्यक है | ऐसा करने से मनुष्य अपने जीवन में समय से विकाश कर पाता है |

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3. शिक्षा का अभिप्राय गांधी जी क्या मानते है ?

उत्तर – गांधीजी के अनुसार शिक्षा का अभिप्राय केवल किताबी ज्ञान से नहीं है | शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जिससे शरीर बुद्धि और आत्मा तीनो का विकास हो |

4. मस्तिष्क और आत्मा का उच्चतम विकास कैसे संभव है ?

उत्तर – गांधी जी के अनुसार जब बच्चे लिखना पढ़ने के साथ – साथ कुछ कारीगरी और तालीम सिख लेंगे तब उसके मस्तिष्क और आत्मा का उच्चतम विकास होगा |

5. शिक्षा का ध्येय गाँधी जी क्या मानते है’’ और क्यों ?

उत्तर – गांधी जी शिक्षा का ध्येय व्यवहारिक शिक्षा को मानते है | जहाँ बच्चो का चरित्र निर्माण के साथ – साथ उनमे साहस बल सदाचार इत्यादि लक्षण हो क्योकि गाँधी जी के अनुसार यही वास्तविक शिक्षा है | और इसी से एक अच्छे मनुष्य का निर्माण हो सकता है |

6. गांधीजी कताई और बुनाई जैसे ग्राम उद्योग द्वारा सामाजिक क्रांतिकारी कैसे संभव मानते हैं?

उत्तर – गांधी जी का कहना था कि जब कटाई और धुनाई जैसे ग्रामोद्योग ओ का प्रचलन होता है ! तब दे हाथों में बढ़ने वाली ब्रिज गाड़ी रुक जाती है ! इसमें हर कोई अपनी आवश्यकता के अनुसार कमाई करे तो ऐसी सामाजिक क्रांति बिना किसी खून खराबे के ग्राम उधोग द्वारा संभव है |

7. गांधीजी देसी भाषा में बड़े पैमाने पर अनुवाद कार्य को आवश्यक मानते हैं?

उत्तर – गांधी जी ऐसा इसलिए चाहते हैं ! कि जो अंग्रेजी या संसार की अन्य भाषाओं का भंडार है ! उसे हम भारतवासी राष्ट्र की भाषा में ही उपयोग करें और दूसरे माध्यम से सीखने की जरूरत नही है ! क्योंकि हमारी अपनी भाषा देशभक्ति की भावनाओं को जगाती है ! इसलिए गांधीजी देसी भाषाओं में बड़े पैमाने पर कार्य आवश्यक मानते हैं |

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8. दूसरी संस्कृति से पहले अपनी संस्कृति की गहरी समझ क्यों जरूरी है ?

उत्तर – हमारे देश के महान व्यक्ति गांधी जी को है !  कि दूसरी संस्कृति से पहले अपनी संस्कृति का ज्ञान रखो क्योंकि हमारी संस्कृति और संस्कृति से एवरेस्ट की तरह सर्वश्रेष्ठ है ! हमारी संस्कृति हीरा जैसी वस्तु के समान है ! हमारी संस्कृति प्रेमशंकर आचरण तथा शिक्षा में भी उत्तम है |

9. अपनी संस्कृति और मातृभाषा की बुनियाद पर दूसरी संस्कृतियों और भाषाओं से संपर्क क्यों बनाया जाना चाहिए गांधी जी की राय स्पष्ट करें ?

उत्तर – गांधी जी की राय है ! कि भारतवासी अंग्रेजी तथा अन्य विश्व की भाषाएं भी सीखे लेकिन अपनी संस्कृति मातृभाषा को छोड़कर नहीं हमारे भारत देश में दूसरी भाषा का उपयोग हो लेकिन अपनी भाषा पर आज भी प्रकाश डाले गए हैं ! ऐसे व्यक्तियों में सुभाष चंद्र बोस राजा राममोहन राय भगत सिंह रविंद्र नाथ टैगोर आदि महान राष्ट्रवादी भाषा वादी थे |

10. गांधी जी किस तरह के सामंजस्य को भारत के लिए बेहतर मानते हैं और क्यों ?

उत्तर – गांधी जी वैसे समाज को भारत के लिए बेहतर मानते थे ! जिनका भारतीय जीवन पर प्रभाव पड़ चुका है ! क्योंकि ऐसे समाज हमारी संस्कृति की अच्छी तरह से रक्षा कर सकती है |

11. आशय स्पष्ट करें
क. मैं चाहता हूं कि सारी शिक्षा किसी दस्तकारी या उद्योगों के द्वारा दी जाए ?

उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक में शिक्षा व संस्कृति शीर्षक से लिया गया है ! जिसके लेखक स्वयं गांधीजी है ! वह इस बंदे के माध्यम से यह बताना चाहते हैं ! कि ऐसी शिक्षा दी जानी चाहिए जिससे बच्चों के मस्तिक एवं आत्मा का विकास संभव हो ऐसी शिक्षा वैज्ञानिक ढंग से सिखाने के लिए वकालत की है |

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ख. इस समय भारत में शुद्ध आर्य संस्कृति जैसी कोई चीज मौजूद नहीं है ?

उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति हमारी पाठ्यपुस्तक के शिक्षा और संस्कृति शीर्षक से लिया गया है ! जिसके लेखक स्वयं महात्मा गांधी जी है ! कभी इस पंक्ति के माध्यम से यह बताना चाहते हैं ! कि आर्य संस्कृति की विशेषताएं बहुत अच्छी है ! उनका कहना है ! कि दूसरी संस्कृति से हम लोग घुलमिल गए हैं ! यहां पर 1 संस्कृति का प्रभाव पड़ गया है ! तथा समाज विनाश के कगार पर पहुंच गया है |

ग. मेरा धर्म के कैद का धर्म नहीं है ?

उत्तर – पस्तुत पंक्ति हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी के शिक्षा और संस्कृति शीर्षक से लिया गया है ! जिसके लेखक स्वयं महात्मा गांधी जी है ! इसलिए वे इस पंक्ति के माध्यम से यह बताना चाहते हैं ! कि हमें अपनी संस्कृति और वह तो समझना चाहिए उन्होंने यह भी बताया है ! कि अच्छी संस्कृति वाले लोग यहां पर आकर रहे साथ ही विचरण करें ! लेकिन अपनी भाषा नहीं भूले क्योंकि मेरा धर्म कैद दिखाने की धर्म नहीं है |

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