Bseb Class 10 Economics हमारी वित्तीय संस्थाएँ

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Bihar Board Class 10th Economics Chapter 4 Hamari Vitiye Sansthaye – हमारी वित्तीय संस्थाएँ

पाठ- 4 : हमारी वितीय संस्थाए
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. वित्तीय संस्थान से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर – हमारी देश की वे संस्थाएं जो आर्थिक विकास के लिए उद्योग एवं व्यवसाय के वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति करती है ! ऐसी संस्थाओं को ही वित्तीय संस्थान कहते हैं |

2. सरकारी वित्तीय संस्थाएं किसे कहते हैं ?

उत्तर – सरकार द्वारा स्थापित एवं संशोधित वित्तीय संस्थाओं को सरकारी वित्तीय संस्था कहते हैं  | जैसे –  स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पंजाब नेशनल बैंक इलाहाबाद बैंक

3. अर्द्ध सरकारी वित्तीय संस्था किसे कहते हैं ?

उत्तर – ऐसी वित्तीय संस्थाएं जो सरकार के केंद्रीय बैंक के निर्देशन में उनके द्वारा स्थापित मापदंडों पर समाज के लोगों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करती है ! ऐसी संस्था को अर्द्ध सरकारी वित्तीय संस्था कहते हैं |

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4. सूक्ष्म वित्तीय संस्थाएं किसे कहते हैं ?

उत्तर – छोटे पैमाने पर गरीब जरूरतमंद लोगों को स्वयंसेवी संस्था के माध्यम से कम ब्याज पर शाखा अथवा ऋण की व्यवस्था करने वाली संस्था को सूक्ष्म वित्तीय संस्था कहते हैं |

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5. वित्तीय संस्थाएं कितने प्रकार के होते हैं ?

उत्तर – वित्तीय संस्थाएं दो प्रकार के होते हैं –

क. राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएं

ऐसी वित्तीय संस्थाएं जो देश के लिए वित्तीय और शाख नीतियों का निर्धारण एवं निर्देशन करती है ! तथा राष्ट्रीय स्तर पर वित्त प्रबंधन के कार्य का संपादन करती है ! उसे हम राष्ट्रीय वित्तीय संस्था कहते हैं |

ख. राज्य स्तरीय वित्तीय संस्था

ऐसी संस्थाएं जिनका संचालन एवं देखरेख राज्य सरकार करती है ! ऐसे वित्तीय संस्था को राज्यस्तरीय वित्तीय संस्था कहते हैं |

6. राज्य की वित्तीय संस्था को कितने भागों में बांटा जाता है संक्षिप्त वर्णन करें ?

उत्तर – राज्य की वित्तीय संस्थानों को दो भागों में बांटा गया है ! जो इस प्रकार से है –

क. संस्थागत वित्तीय संस्था

संस्थागत वित्तीय संस्थाओं में सहकारी बैंक प्राथमिक सहकारी समिति या भूमि विकास बैंक नाबार्ड इत्यादि आते हैं |

ख. गैर वित्तीय संस्था

गैर वित्तीय संस्था के अंतर्गत सेठ साहूकार महाजन व्यापारी रिश्तेदार इत्यादि आते हैं |

7. किसानों को शाखा अथवा ऋण की आवश्यकता क्यों होती है ?

उत्तर – किसानों को कृषि कार्य करने हेतु उन्नत किस्म के बीज खाद इत्यादि खरीदने के लिए शाखा अथवा ऋण की आवश्यकता होती है |

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8. व्यवसायिक बैंक कितने प्रकार की जमा राशि को स्वीकार करती है संक्षिप्त वर्णन करें ?

उत्तर – व्यवसायिक बैंक चार प्रकार की जमा राशि को स्वीकार करती है ! जो इस प्रकार से है –

क. अस्थाई जमा

अस्थाई जामा को फिक्स डिपोजिट कहा जाता है ! इस में निर्धारित समय के लिए निर्धारित रकम बैंक जमा करता है |

ख. चालू जमा

इस प्रकार के खाते में जमाकर्ता अपनी इच्छा से रुपया जमा कर सकता है ! तथा निकाल सकता है |

ग. संचई जमा या बचत खाता

इसमें जमाकर्ता जब चाहे रुपया जमा कर सकता है ! किंतु रुपया निकालने के लिए कुछ शर्ते होती है |

घ. आवर्ती जमा

इसके अंतर्गत एक निश्चित समय अंतराल पर एक निश्चित राशि को बैंक स्वीकार करती है |

9. सहकारिता से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर – सहकारिता का शाब्दिक अर्थ होता है ! मिलजुल कर काम करना यह एक ऐसा संगठन है ! जिसमें दो या दो से अधिक व्यक्ति आपस में मिलजुल कर आर्थिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कार्य करते हैं ! ऐसे संगठन को ही सहकारिता कहते हैं ! इसकी स्थापना 1904 में हुई थी |

10. स्वयं सहायता समूह से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर – स्वयं सहायता समूह पर प्रायः महिलाओं का 15-20 सदस्यों वाली एक समूह है ! जो अपने आर्थिक क्रियाकलापों से बचत करती है ! उसे समूह में जमा कराती है ! फिर बैंक से लघु ऋण लेकर अपने सदस्यों की परिवारिक जरूरतों को पूरा करती है ! ऐसे समूह को ही स्वयंसेवी सहायता समूह कहते हैं |

11. भारत में सहकारिता की शुरुआत किस प्रकार हुई संक्षिप्त वर्णन करें ?

उत्तर – भारत में सहकारिता का प्रारंभ 1904 में सहकारी शाख समिति अधिनियम पारित होने के साथ हुआ इस अधिनियम के अनुसार गाँव या नगरो में दो या दो से अधिक व्यक्ति मिलकर सहकारी शाख समिति की स्थापना कर सकते थे ! धीरे-धीरे दो या दो से अधिक लोग मिलकर अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए सहकारिता की स्थापना करने लगे |

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12. नाबार्ड किसे कहते हैं ?

उत्तर – नाबार्ड को ही राष्ट्रीय कृषि और भूमि विकास बैंक कहा जाता है ! यह बैंक ग्रामीण विकास के लिए कार्य करती है ! यह बैंक विशेष परिस्थिति में बाढ़ सुखाड़ भूकंप इत्यादि आपदा के समय साख की सुविधा प्रदान करती है |

13. भूमि विकास बैंक क्या है ?

उत्तर – यह एक प्रकार का ऐसा बैंक है ! जिसके द्वारा भूमि के विकास के लिए कर्ज तथा ऋण प्रदान की जाती है ! इस बैंक को ही भूमि विकास बैंक कहा जाता है |


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
14. राष्ट्रीय वित्तीय संस्था किसे कहते हैं’ इसे कितने भागों में बांटा जाता है’ वर्णन करें ?

उत्तर – ऐसे वित्तीय संस्था जो पूरे देश के लिए वित्तीय और साख नीतियों का निर्धारण एवं निर्देशन करती है ! वैसे संस्था को ही राष्ट्रीय वित्तीय संस्था कहते हैं ! इसे दो भागों में बांटा गया है |

क. भारतीय मुद्रा बाजार

भारतीय मुद्रा बाजार को संगठित और असंगठित क्षेत्र के रूप में बांटा गया है ! भारतीय मुद्रा बाजार जिसके द्वारा दीर्घकालीन एवं वित्तीय व्यवस्था अल्पकालीन वित्तीय व्यवस्था का निर्धारण किया जाता है |

ख. भारतीय पूंजी बाजार

भारतीय पूंजी बाजार वैसा पूंजी बाजार है ! जिसके द्वारा दीर्घकालीन वित्तीय व्यवस्था एवं प्रबंधन किया जाता है ! वैसे बाजार को ही भारतीय पूंजी बाजार कहा जाता है |

15. सहकारिता के मूल तत्व क्या है राज्य के विकास में इसकी भूमिका का वर्णन करें ?

उत्तर – सहकारिता का मूल्य तत्वों अपनी इच्छा से सदस्यता को ग्रहण करके सामान का स्वयं सहायता तथा प्रजातांत्रिक व्यवस्था के आधार पर सामूहिक आर्थिक एवं सामाजिक हित के लिए कार्य करना है ! ऐसे तो इनका शाब्दिक अर्थ मिलजुल कर कार्य करना होता है ! इसमें सभी सदस्य को समान अधिकार प्राप्त होते हैं ! राज्य के विकास में इसका महत्वपूर्ण योगदान होता है ! बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है ! इसमें किसानों को सिंचाई बीज खाद नई तकनीक एवं मशीन की आवश्यकता होती है ! जो किसानों के लिए महत्वपूर्ण होती है ! इन सब चीजों की आपूर्ति सहकारिता द्वारा हो जाती है ! जिससे किसान काफी लभान्वित होते हैं ! तथा इसे राज्य का विकास होता है |

16. स्वयं सहायता समूह में महिलाओं की प्रकार अपनी अहम भूमिका निभाती है वर्णन करें ?

उत्तर – 10 या 20 व्यक्तियों का समूह खास करके जिसमे महिला सम्मिलित होती है ! ऐसे समूह को ही स्वयं सहायता समूह कहते हैं ! ! ऐसे समूह में महिलाएं बैंकों से लघु ऋण की व्यवस्था कर सदस्यों के जरूरतों को पूरा करती है ! विकास की गतिविधियों के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण के कार्य तथा ग्रामीण विकास का भी कार्य करती है ! बैंक से प्राप्त ऋण से महिलाएं स्वरोजगार का सूजन करती है ! जिसमें इसके लिए प्राप्त ऋण का उपयोग गिरवी जमीन को छुड़वाने बीज खाद कपड़े घर बनाने पशु आदि खरीदने में होता है ! इस तरह महिलाएं स्वावलंबी बन जाती है ! और इसमें प्रमुख रूप से भूमिका निभाती है |

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17. व्यावसायिक बैंक के प्रमुख कार्यों की विवेचना करें ?

उत्तर – व्यावसायिक बैंक के प्रमुख कार्य इस प्रकार से है –

क. जामा राशि को स्वीकार करना

व्यवसायिक बैंकों का सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य अपने ग्राहकों से कर्ज के रूप में मुद्रा प्राप्त करना है ! समाज में अधिकांश व्यक्ति अथवा संस्था अपनी आय का एक अंश बचा कर रखते हैं ! अधिकांश लोग अपने बचत के चोरी हो जाने के भय से अथवा व्यय कमाने के उद्देश्य से किसी बैंक में ही जमा कराते हैं ! व्यवसायिक बैंक द्वारा प्रायः चार प्रकार से जमा राशि स्वीकार की जाती है |
. चालू जामा
. अस्थाई जामा
.  आवर्ती जमा
.  संचयी जमा

ख. ऋण प्रदान करना

व्यवसायिक बैंक का दूसरा मुख्य कार्य लोगों को ऋण प्रदान करना है ! बैंक के पास जो रुपया जमा के रूप में आता है ! उसमें से एक निश्चित राशि नगद रूप में रखकर बाकी रुपया बैंक द्वारा दूसरे व्यक्ति को उधार दे दिया जाता है ! बैंक प्राय उत्पादक कार्य के लिए ऋण देते हैं ! तथा उचित जमानत की मांग करते हैं ! ऋण की रकम प्रायः जमानत के मूल्य से कम होती है |

ग. सामान्य उपयोगी संबंधी कार्य

इसके अतिरिक्त व्यवसायिक बैंक के अन्य बहुत से कार्य को भी संपन्न करते हैं ! जिन्हें सामान्य उपयोगिता संबंधी कार्य कहा जाता है |
जैसे :-
. यात्री चेक एवं साख प्रमाण पत्र जारी करना
. लॉकर की सुविधा
. एटीएम एवं क्रेडिट कार्ड
. व्यापारिक सूचना एवं आंकड़े एकत्रित करना

घ. एजेंसी संबंधी कार्य

वर्तमान समय में व्यवसायिक बैंक ग्राहकों की एजेंसी के रूप में सेवा करते हैं ! इसके अंतर्गत चेक बिल और ड्राफ्ट का संकलन ब्याज तथा लाभांश का संकलन तथा वितरण ब्याज ऋण की किस्त बीमा की किस्त का भुगतान इत्यादि |

18. राज्य स्तरीय संस्थागत वित्त के स्रोत के कार्यों का वर्णन करें ?

उत्तर – राज्य स्तरीय संस्थागत दो प्रकार के होते हैं –

क. गैर संस्थागत

इसके अंतर्गत महाजन सेठ साहूकार व्यापारी रिश्तेदार इत्यादि आते हैं ! ऐसे तो महाजन और सेठ साहूकार ग्रामीणों को उत्पादन एवं उपयोग संबंधी सभी कार्यों के लिए ऋण उपलब्ध कराते हैं ! ऋण देने का आधार व्यक्ति से अमानत स्वरूप उनके जमीन जेवर तथा अन्य कीमती सामानों को गिरवी रखते हैं ! यदि समय पर इनका भुगतान नहीं किया जाता है ! तो अमानत स्वरूप रखे हुए सामान बेच देते हैं |

ख. संस्थागत वित्तीय संस्थाएं

संस्थागत वित्तीय संसाधनों में सहकारी बैंक प्राथमिक सहकारी समितियां भूमि विकास बैंक नाबार्ड इत्यादि आते हैं ! जो आवश्यकता अनुसार किसानों को ऋण प्रदान करते हैं |

Class 10th Economics Subjective Notes – अर्थव्यवस्था 
पाठ – 1अर्थव्यवस्था एवं इसके विकास का इतिहास
पाठ – 2राज्य एवं राष्ट्र की आय
पाठ – 3मुद्रा, बचत एवं साख
पाठ – 4हमारी वित्तीय संस्थाएँ
पाठ – 5रोजगार एवं सेवाएँ
पाठ – 6वैश्वीकरण
पाठ – 7उपभोक्ता जागरण एवं संरक्षण

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