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Bihar Board Class 10th Sanskrit Chapter 2 patliputra vaibhavam – पाटलिपुत्रवैभवम
Chapter – 2 पाटलिपुत्रवैभवम
- बिहार राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र है |
- पाटलीपुत्र को राजधानी नगर कहा जाता है |
- पाटलिपुत्र धर्मिक क्षेत्र , राजनितिक क्षेत्र एवं उधोग क्षेत्र में लोगो का ध्यान आकर्षित करता है |
- विदेशी यात्री मेगास्थनीज ,फाहान –ह्येंसांग ने अपनी आत्मकथा में पाटलिपुत्र का वर्णन किया है |
- कुतनितम के लेखक दामोदर गुप्त एवं काव्य मीमांसा के लेखक राजशेखर है |
- चन्द्रगुप्त मौर्य के समय पाटलिपुत्र की रक्षा व्यवस्था अत्युकृष्ट थी |
- मुग़ल काल के शासक के समय पाटलिपुत्र समृद्ध था |
- अशोक के समय पाटलिपुत्र प्रिय दर्शनी था |
- गुप्तवंश के शासन काल में कौमुदी महोत्सव मनाया जाता है |
- प्राचीन ग्रन्थ में पाटलिपुत्र को पुष्पपुर और कुसुमपुर कहा जाता था |
- मध्यकाल में पटना को पटनेती भी कहा गया |
- नगर की पालिका देवी पटन देवी थी |
- पाटलिपुत्र में सिख धर्म के दसवे गुरु गोविन्द सिंह जी का जन्म हुआ था |
- पटना के ऊपर एशिया का सबसे बड़ा पुल गाँधी सेतु पुल है
- पटना का इतिहास 2500 वर्ष पुराना है |
- सरस्वती का कुल गृहम पाटलिपुत्र था |
- बुध के समय इसे पाटलीग्राम कहा जाता था |
- बुध भगवान ने पटना के विषय में कहा’’पटना भविष्य में महानगर बनेगा परन्तु इसे जल और अग्री से हमेशा खतरा रहेगा
- पाटलीग्राम को पाटलिपुत्र मिति भी कहा गया है |
patliputra vaibhavam class 10th sanskrit notes – पाटलिपुत्र वैभवम कक्षा 10
1. अस्ति महितलतिलकं सरस्वति कुल गृहं महान नगरम् नाम्ना पाटलिपुत्रं परिभूत पुरन्दर स्थानम् ||
अर्थ :- पाटलिपुत्र नाम का यह जो महानगर है,, इस समय धरती पर सर्वश्रेष्ट और सरस्वती के कुल गृह के रूप में इंद्र की नगरी के समान सर्वश्रेष्ट है |
2. अत्रोपवर्षवर्षाविह पाणिनिपिड्ग्लाविः व्याडी : | वररुचिपञजली इह परीक्षिताः रग्रतिमुप्जग्मुः ||
अर्थ :- कवी राजशेखर ने इस श्लोक में पाटलिपुत्र की पढ़ने – पढ़ाने की परम्परा का वर्णन करते हुए कहा है,, की यह वर्षो वरस से वररुचि और पञजली यहाँ रहकर अपने विधा की कौशल कला से उसे ख्याति प्रदान किए है,, यह पाटलिपुत्र उनके विधा की कसौटी से परीक्षित है,, और संसार में ख्याति प्राप्त है |
3. पाटलिपुत्र के गरिमा का सारांश लिखे ?
उत्तर – पाटलिपुत्र भारत के दुसरे नगरो से अनोखा और सर्वश्रेष्ट नगर है ! इसका इतिहास लगभग 2.5 हजार वर्ष पुराना है,, यह धार्मिक क्षेत्र , राजनितिक क्षेत्र तथा औधोगिक क्षेत्र की तरफ विशेष रूप से ध्यान आकर्षित करता है ! यह महानगर दुनिया का सर्वश्रेष्ट और सरस्वती के कुल गृह के रूप में इंद्र की नागरी के समान सर्वश्रेष्ट था ! इसका पुराना नाम कुसुमपुर या पुष्पपुर था,, क्योकि यहाँ पर पाटल पुष्पों की खेती होती थी,, इसलिए इसका नाम पाटलिपुत्र पड़ा ! Tariq
यह नगर विश्व प्रसिद्ध गंगा नदी जे किनारे बसा हुआ है ! जो पाटलिपुत्र की शोभा को और बढ़ा देता है ! कहा जाता है की स्वयं बुद्ध भगवान ने यहाँ पर आकर अनेक कृतियाँ रची,, यहाँ पर चन्द्रगुप्त मौर्य का शासन रहा है,, चन्द्रगुप्त मौर्य ने अपनी शासन व्यवस्था से इस नगर की शोभा और बढ़ा दी,, जिससे यह नगर दुनिया में प्रसिद्ध हो गया,, यहाँ पर दुर्गा पूजा जैसा कौमुदी महोत्सव मनाया जाता है,, यहाँ पर सिक्खों के दशवे गुरु गुरु गोविन्द सिंह का जन्म स्थान है,, यहाँ पर प्रसिद्ध रूप से चिड़ियाघर , गोलघर, महावीर मंदिर, पटनदेवी , संग्रहालय एवं ऐतिहासिक गांधी मैदान है,, इस नगर के उत्तर दिशा में जो गंगा नदी बहती है,, उसके ऊपर एशिया का सबसे लम्बा पुल स्थित है,, जो इस महानगर का महत्व बढ़ा देता है | The Vaccine war
Bseb Class 10 Sanskrit पाटलिपुत्रवैभवम
पाठ के साथ
1. पाटलिपुत्रवैभवम पाठ का वर्णन कीजिए ?
उत्तर – इस पाठ में पाटलिपुत्र का वर्णन किया गया है ‘’ इसमें पाटलिपुत्र का राजनितिक धार्मिक और पर्यटन के आधार पर महत्व बताया गया है | वि बिभिन्न वंश के शासको के समय पाटलिपुत्र की स्थिति को बताया गया है | भगवान बुद्ध ने पाटलिपुत्र के बारे में क्या कहा यह भी इस पाठ में वर्णित है | यह पाठ बिहार की राजधानी पटना के गौरव का बखान करती है |
2. भगवान बुद्ध ने पाटलिपुत्र के बारे में क्या कहा ?
उत्तर – भगवान बुद्ध के समय पाटलिपुत्र पाटलिग्राम के नाम से ही जाना जाता था | भगवान बुद्ध ने पाटलिपुत्र के बारे में कहा ‘’ यह ग्राम भविष्य में महानगर बनेगा परन्तु इसे अग्री और जल से खतरा बना रहेगा |
3. पाटलिपुत्र के पर्यटन स्थलों के नाम लिखे ?
उत्तर – पाटलिपुत्र के पर्यटन स्थलों के नाम निम्नलिखित है – संग्रहालय , गोलघर जैविक उधान गाँधी सेतु पुल गुरुद्वारा आदि |
4. चन्द्रगुप्त मौर्य के समय पाटलिपुत्र की स्थिति का वर्णन करे ?
उत्तर – चन्द्रगुप्त मौर्य के समय पाटलिपुत्र की शोभा रक्षा – व्यवस्था उत्कृष्ट थी |
5. पाटलिपुत्र में प्रत्येक वर्ष मनाए जाने वाले उत्सव के बारे में लिखे ?
उत्तर – पाटलिपुत्र मव प्रत्येक वर्ष गुप्तवंश के शासक काल में शरद ऋतू में कौमुदी महोत्सव मान्य जाता था | इस उत्सव में लोग दुर्गा पूजा की तरह ही आनंदित होते थे |
S.N | Class 10th Sanskrit Subjective Notes |
पाठ – 1 | मङ्गलम् |
पाठ – 2 | पाटलिपुत्रवैभवम् |
पाठ – 3 | अलसकथा |
पाठ – 4 | संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः |
पाठ – 5 | भारतमहिमा |
पाठ – 6 | भारतीयसंस्काराः |
पाठ – 7 | नीतिश्लोकाः |
पाठ – 8 | कर्मवीर कथाः |
पाठ – 9 | स्वामी दयानन्दः |
पाठ – 10 | मन्दाकिनीवर्णनम् |
पाठ – 11 | व्याघ्रपथिक कथाः |
पाठ – 12 | कर्णस्य दानवीरता |
पाठ – 13 | विश्वशांतिः |
पाठ – 14 | शास्त्रकाराः |